शहर से गाँव तक उग आया है कांक्रीटों का घना जंगल। शहर से गाँव तक उग आया है कांक्रीटों का घना जंगल।
कोई तो अपना बनाकर देखे कोई भी आईना दिखाकर देखे। कोई तो अपना बनाकर देखे कोई भी आईना दिखाकर देखे।
बली हो, हवन हो, अन्नकूट प्रसाद हो खुदा इनसे खुश हो, ये ज़रूरी तो नहीं। बली हो, हवन हो, अन्नकूट प्रसाद हो खुदा इनसे खुश हो, ये ज़रूरी तो नहीं।
नवनिर्माण हमारा, लक्ष्य सबका एक है। नवनिर्माण हमारा, लक्ष्य सबका एक है।
हृदय में प्यार का दरिया यही सौगात ले लेना। हृदय में प्यार का दरिया यही सौगात ले लेना।
मेरी हर खुशी अब तुमसे जीवन के मनमीत हो तुम। मेरी हर खुशी अब तुमसे जीवन के मनमीत हो तुम।